Friday, December 26, 2008

आज का शेर - today's couplet

जाता हूँ दागे-फिराक़े-हसरते-हस्ती लिए हुए
हूँ शम-ऐ-कुश्ता, दरखुरे-महफ़िल नही रहा
==============================
दाग - दर्द
फिराक - जुदाई
हस्ती - अस्तित्व
शम-ऐ-कुश्ता - बुझा हुआ चिराग
दरखुरेमहफ़िल - महफ़िल के योग्य

No comments: